The Rise of Tiny AI: Samsung's TRM Surpasses Billion-Parameter Models

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  The Rise of Tiny AI: Samsung's TRM Surpasses Billion-Parameter Models This week marked a profound shift in the AI landscape as unexpected developments unfolded across the tech sector, highlighting the remarkable advancements in artificial intelligence. Notably, Samsung's latest innovation, the Tiny Recursive Model (TRM), has astounded experts by decisively outperforming multi-billion parameter models like Gemini and DeepSeek. This article delves into the implications of this accomplishment, alongside other significant breakthroughs that are shaping the AI field today. The Tiny Recursive Model: A Game-Changer in AI Reasoning Samsung's research lab in Montreal has unveiled the **Tiny Recursive Model**, accommodating a mere *7 million parameters*. This model achieved impressive scores of **44.6%** and **8%** on the ARC AGI1 and ARC AGI2 tests, respectively. In stark contrast, its larger counterparts fell short, as DeepSeek's R1 garnered **15.8% and 1.3%**, while Gemini ...

स्टूडियो घिबली: जादुई एनीमेशन की दुनिया

स्टूडियो घिबली: जादुई एनीमेशन की दुनिया

Ghibli studio 

स्टूडियो घिबली एक ऐसा नाम है जिसने एनीमेशन की दुनिया को एक नई ऊंचाई दी है। यह सिर्फ एक एनीमेशन स्टूडियो नहीं, बल्कि एक कला का केंद्र है जहाँ हर फिल्म एक खूबसूरत कल्पनाशील यात्रा होती है। इसकी फिल्मों में गहरी कहानियां, बेहतरीन किरदार और मंत्रमुग्ध कर देने वाली एनीमेशन तकनीक देखने को मिलती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि स्टूडियो घिबली कैसे काम करता है? इस लेख में हम स्टूडियो घिबली के पीछे की पूरी प्रक्रिया को समझेंगे।


1. स्टूडियो घिबली की कार्यशैली

स्टूडियो घिबली की फिल्मों की खासियत यह है कि वे पारंपरिक 2D एनीमेशन का उपयोग करते हैं। जबकि आज की दुनिया में डिजिटल एनीमेशन का बोलबाला है, स्टूडियो घिबली अपने अनोखे अंदाज को बनाए रखने के लिए हाथ से बने एनीमेशन पर ही निर्भर करता है।

a. कहानी और पटकथा

हर घिबली फिल्म की शुरुआत एक दिलचस्प कहानी से होती है। हायाओ मियाज़ाकी और इसाओ ताकाहाता, जो स्टूडियो के संस्थापक रहे हैं, अपनी फिल्मों की कहानियों को बहुत सोच-समझकर चुनते थे। कई बार कहानियां जापानी लोककथाओं, साहित्य या पूरी तरह से मौलिक विचारों से प्रेरित होती हैं।

एक अनोखी बात यह है कि मियाज़ाकी पटकथा को पहले से पूरी तरह नहीं लिखते। वे स्केचिंग के साथ-साथ कहानी को विकसित करते हैं। यानी, फिल्म का प्लॉट स्टोरीबोर्ड के रूप में ही बनता है। यह तरीका आमतौर पर अन्य स्टूडियोज़ में नहीं देखा जाता।


2. हाथ से बनी एनीमेशन प्रक्रिया

स्टूडियो घिबली की सबसे खास बात है कि वे एनीमेशन को पूरी तरह हाथ से तैयार करते हैं। यह एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया होती है, लेकिन इससे हर फ्रेम में एक अनोखा जीवन झलकता है।

a. कैरेक्टर डिज़ाइन

पहले कलाकार (animators) मुख्य किरदारों और दुनिया का डिज़ाइन तैयार करते हैं। हर किरदार की विशेषताएँ, हाव-भाव और पोशाकों को विस्तार से तय किया जाता है।

b. स्टोरीबोर्डिंग और लेआउट

एक बार किरदार डिज़ाइन हो जाने के बाद, स्टोरीबोर्ड और लेआउट बनाए जाते हैं। इसमें हर सीन का मोटा-मोटा खाका तैयार किया जाता है कि किरदार कैसे हिलेंगे और दृश्य किस तरह दिखेगा।

c. फ्रेम-बाय-फ्रेम ड्रॉइंग

घिबली स्टूडियो में हर मूवमेंट को फ्रेम-बाय-फ्रेम हाथ से बनाया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई किरदार दौड़ रहा है, तो उसके हर कदम को अलग-अलग फ्रेम में स्केच किया जाता है।

यह बहुत मेहनत भरा काम होता है, लेकिन इसी से घिबली की फिल्मों में एक खास तरह की जीवंतता देखने को मिलती है।


3. रंग और पेंटिंग

एनीमेशन के बाद, कलाकारों की टीम हर फ्रेम को रंगों से भरती है। पहले यह प्रक्रिया हाथ से की जाती थी, लेकिन अब डिजिटल टूल्स का भी उपयोग किया जाता है। फिर भी, रंगों का चयन और उनकी छायाएं इस तरह रखी जाती हैं कि हर सीन असली पेंटिंग जैसा लगे।


4. संगीत और ध्वनि प्रभाव

घिबली की फिल्मों में संगीत एक बहुत अहम भूमिका निभाता है। जो हिशाइशी (Joe Hisaishi) स्टूडियो घिबली के प्रमुख संगीतकारों में से एक हैं, और उन्होंने कई प्रसिद्ध घिबली फिल्मों का संगीत तैयार किया है।

हर फिल्म के लिए साउंड डिज़ाइन बहुत बारीकी से किया जाता है। हवा की आवाज़, बारिश की बूंदें, पत्तों की सरसराहट—हर छोटी से छोटी आवाज़ को प्राकृतिक तरीके से रिकॉर्ड किया जाता है। इससे फिल्मों को एक और गहराई मिलती है।


5. घिबली की फिल्मों का जादू

स्टूडियो घिबली की फिल्मों को सिर्फ उनकी एनीमेशन तकनीक के लिए ही नहीं, बल्कि उनकी गहरी कहानियों और भावनात्मक गहराई के लिए भी सराहा जाता है। ये फिल्में सिर्फ बच्चों के लिए नहीं होतीं, बल्कि हर उम्र के दर्शकों के लिए होती हैं।

  • "Spirited Away" (2001) एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो एक रहस्यमयी दुनिया में फंस जाती है।
  • "My Neighbor Totoro" (1988) बच्चों की मासूमियत और कल्पना की शक्ति को दर्शाती है।
  • "Princess Mononoke" (1997) पर्यावरण और मानवीय लालच के बीच संघर्ष को दिखाती है।

हर फिल्म में एक मजबूत संदेश होता है, जो दर्शकों को गहराई से सोचने पर मजबूर कर देता है।


Akhiri baat

स्टूडियो घिबली सिर्फ एक एनीमेशन स्टूडियो नहीं, बल्कि एक भावना है। उनकी फिल्मों में जो प्यार और मेहनत झलकती है, वह किसी और स्टूडियो में देखना मुश्किल है।

उनकी कार्यशैली अनोखी है—वे हाथ से एनीमेशन बनाते हैं, कहानी को स्टोरीबोर्ड के रूप में विकसित करते हैं, और हर फ्रेम को कलात्मक अंदाज में तैयार करते हैं।

यही वजह है कि स्टूडियो घिबली की हर फिल्म एक मास्टरपीस होती है, जिसे दर्शक सालों तक याद रखते हैं।

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